हाल ही में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने Sanjiv Bhasin के खिलाफ एक गंभीर जांच शुरू की है। Bhasin, जो पहले IIFL Securities के साथ जुड़े थे, पर stock market manipulation और front running के आरोप लगे हैं। इस मामले ने बाजार में हलचल मचा दी है और SEBI की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
SEBI की जांच के मुख्य बिंदु
डिजिटल डिवाइस की जांच:
SEBI ने Sanjiv Bhasin के डिजिटल डिवाइसों की जांच की है और महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं। इन सबूतों से यह संकेत मिलता है कि Bhasin ने निजी कंपनियों को विशेष स्टॉक्स खरीदने का निर्देश दिया और फिर इन स्टॉक्स को मीडिया चैनलों पर खरीदने की सिफारिश की।
शो-कॉज नोटिस:
प्रक्रिया के मुताबिक सबूत जुटाने के बाद SEBI Sanjiv Bhasin को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। भसीन को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा।
आगे की कार्रवाई:
Bhasin की प्रतिक्रिया और सुनवाई के आधार पर, SEBI एक आदेश जारी करेगा जिसमें संभावित दंड या प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं। यह कदम SEBI के नियामक ढांचे के तहत उठाया गया है ताकि बाजार में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।
IIFL Securities का बयान
IIFL Securities ने अपने बयान में कहा कि Sanjiv Bhasin एक कंसल्टेंट के रूप में कंपनी के साथ जुड़े थे और उनका अनुबंध 30 जून, 2024 को समाप्त होने वाला था। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से उनका अनुबंध 17 जून, 2024 को ही समाप्त कर दिया गया। IIFL Securities ने यह भी स्पष्ट किया कि Bhasin बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य नहीं थे और SEBI की जांच के बारे में उन्हें कोई विस्तृत जानकारी नहीं है।
बाजार पर प्रभाव
इस जांच के चलते बाजार में काफी हलचल मची हुई है। Bhasin, जो विभिन्न व्यापारिक चैनलों और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म्स पर नियमित रूप से स्टॉक ट्रेडिंग विचार साझा करते थे, अब जांच के घेरे में हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि SEBI की इस जांच का अंत क्या होगा और यह बाजार पर क्या प्रभाव डालेगा।
SEBI की इस सख्त कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि बाजार में किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। Sanjiv Bhasin का मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे SEBI पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए अपने नियामक शक्तियों का उपयोग कर रहा है।
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