क्रांतिकारी “Obesity Diagnosis Framework” मोटापे के इलाज में लाएगा अभूतपूर्व परिवर्तन

मोटापे के निदान और प्रबंधन में एक नया युग आने वाला है। European Association for the Study of Obesity (EASO) ने एक नया “obesity diagnosis framework” प्रस्तावित किया है जो सिर्फ Body Mass Index (BMI) पर निर्भर नहीं रहेगा। यह नया ढांचा शरीर में वसा के वितरण और उसके प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो कि मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अधिक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है।

EASO के इस नए प्रस्ताव ने medical community में हलचल मचा दी है। डॉक्टरों और शोधकर्ताओं का मानना है कि यह नया framework मोटापे के इलाज में एक game-changer साबित हो सकता है। आइए इस नए ढांचे के बारे में विस्तार से जानें:

BMI की सीमाएं

वर्तमान में, मोटापे का निदान मुख्य रूप से BMI पर आधारित है। लेकिन EASO के विशेषज्ञों का कहना है कि BMI एक सीमित उपकरण है। यह शरीर में वसा के वितरण को नहीं दर्शाता, जो कि स्वास्थ्य जोखिमों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।

BMI

Abdominal Fat का महत्व

नए framework में abdominal (visceral) fat accumulation पर विशेष ध्यान दिया गया है। शोध से पता चला है कि पेट के आसपास जमा वसा, cardiometabolic complications के जोखिम को बढ़ाता है, भले ही व्यक्ति का BMI सामान्य हो।

Obesity in kids

Waist-to-Height Ratio

EASO ने waist-to-height ratio को एक महत्वपूर्ण मापदंड के रूप में प्रस्तावित किया है। 0.5 से अधिक का waist-to-height ratio, मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों का संकेत दे सकता है।

weight to height

व्यापक निदान

नया framework सिर्फ शारीरिक मापदंडों पर ही नहीं, बल्कि medical, functional और psychological impairments पर भी ध्यान देता है। यह एक holistic approach है जो व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखता है।

Personalized Treatment

EASO का यह नया ढांचा personalized treatment पर जोर देता है। हर व्यक्ति की obesity का कारण और प्रभाव अलग हो सकता है, इसलिए इलाज भी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार होना चाहिए।

दीर्घकालिक दृष्टिकोण

नए guidelines में long-term या life-long treatment plan पर जोर दिया गया है। मोटापा एक chronic disease है, इसलिए इसका इलाज भी दीर्घकालिक होना चाहिए।

Obesity Medications का विस्तारित उपयोग

नए framework में सुझाव दिया गया है कि obesity medications का उपयोग BMI 25 kg/m2 या उससे अधिक वाले रोगियों में किया जा सकता है, बशर्ते उनका waist-to-height ratio 0.5 से अधिक हो और कोई medical, functional या psychological impairments मौजूद हों।

Clinical Trials में बदलाव

EASO ने pharmaceutical companies और regulatory authorities से आग्रह किया है कि वे future clinical trials में BMI cut-offs की बजाय obesity के clinical staging पर अधिक ध्यान दें।

Multidisciplinary Approach

नए framework में behavioral modifications, nutritional therapy, physical activity, stress reduction, sleep improvement, psychological therapy, obesity medications और metabolic/bariatric procedures जैसे विभिन्न उपचार विकल्पों का समावेश किया गया है।

उपचार के लक्ष्य

नए दिशानिर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि obesity treatment का लक्ष्य सिर्फ short-term weight loss नहीं, बल्कि long-term health benefits होना चाहिए।

इस नए framework का प्रभाव

  • Early Intervention: यह ढांचा उन लोगों की पहचान करने में मदद करेगा जो मोटापे के जोखिम में हैं, लेकिन जिनका BMI अभी normal range में है।
  • बेहतर स्वास्थ्य परिणाम: शरीर में वसा के वितरण पर ध्यान देने से, स्वास्थ्य जोखिमों की बेहतर समझ और प्रबंधन संभव होगा।
  • व्यापक उपचार: नया ढांचा obesity के सभी पहलुओं – शारीरिक, मानसिक और कार्यात्मक – पर ध्यान देता है, जो बेहतर उपचार परिणामों की ओर ले जाएगा।
  • अधिक लोगों तक पहुंच: नए मानदंडों के तहत, अधिक लोग obesity treatment के लिए योग्य होंगे, जिससे समाज में मोटापे से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आ सकती है।
  • अनुसंधान में नई दिशा: यह framework obesity research को नई दिशा देगा, जिससे बेहतर उपचार विकल्प विकसित हो सकते हैं।

EASO का यह नया “obesity diagnosis framework” मोटापे के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ढांचा न केवल मोटापे के निदान को अधिक सटीक बनाएगा, बल्कि इसके उपचार को भी अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत बनाएगा। हालांकि, इस नए ढांचे को व्यापक रूप से स्वीकार किए जाने और लागू किए जाने में समय लग सकता है। फिर भी, यह निश्चित रूप से obesity management में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है।

यह नया framework दर्शाता है कि medical science लगातार विकसित हो रही है और हम स्वास्थ्य समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने और उनका इलाज करने की ओर बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में, इस तरह के नवाचारी दृष्टिकोण न केवल मोटापे बल्कि अन्य chronic diseases के प्रबंधन में भी क्रांति ला सकते हैं।

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