Mango: दक्षिण अफ्रीका में भारतीय आम की धूम

Mango: दक्षिण अफ्रीका में भारतीय आम की धूम

भारतीय आम की मिठास अब दक्षिण अफ्रीका में भी महसूस की जा सकेगी। भारतीय कृषि निर्यात निकाय के एक अधिकारी ने घोषणा की है कि दक्षिण अफ्रीका ने भारत से आम (Mango) की विभिन्न किस्मों के आयात की अनुमति दे दी है। यह घोषणा भारतीय कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहायक महाप्रबंधक सिम्मी उन्नीकृष्णन ने पिछले सप्ताह यहां भारतीय वाणिज्य दूतावास में आयोजित ‘India Mango Festival 2024’ कार्यक्रम में की।

https://hindi.theprint.in/india/economy/south-africa-approves-import-of-mangoes-from-india-apeda-official/698680/

स्थानीय व्यापारियों और मीडिया को संबोधित करते हुए उन्नीकृष्णन ने कहा, “हमें पिछले वर्ष आमों के लिए बाजार तक पहुंच प्राप्त हुई थी और अब हमने गुजरात से 1.5 मीट्रिक टन आमों को दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना किया है।” इस कार्यक्रम में आए मेहमानों को इस अवसर के लिए विशेष रूप से मंगाई गई भारतीय आमों की कई किस्मों को चखने का मौका मिला। इनमें आमों का राजा अल्फांसो, तोतापुरी, राजापुरी, बादामी, केसर और नीलम शामिल थे।Mango varieties

उन्नीकृष्णन ने बताया कि भारत विश्व में आमों का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो वैश्विक उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा उत्पादन करता है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका में विश्व के आमों का 17 प्रतिशत उत्पादन होता है। उन्होंने व्यापारियों से भारतीय आमों के आयात और दक्षिण अफ्रीका में उन्हें लोकप्रिय बनाने में सहायता करने की अपील की।

उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार से अनुमति प्राप्त करना आसान नहीं था। “एक समय ऐसा भी आया जब विश्लेषण करना पड़ा, क्योंकि ये आम विकिरण उपचार के बाद आते हैं,” उन्नीकृष्णन ने कहा।

इस अवसर पर महावाणिज्यदूत महेश कुमार ने कहा, “इस बाजार तक पहुंच बनाने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं और अब हम इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानते हैं।” इस प्रकार, भारतीय आम की मिठास दक्षिण अफ्रीका में भी फैलेगी और वहां के लोग भी इनकी विविधता और स्वाद का आनंद उठा सकेंगे।

Mango Ripe

दक्षिण अफ्रीका में भारतीय आमों की लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार, भारतीय और दक्षिण अफ्रीकी व्यापारिक संबंधों में भी यह एक नई दिशा की शुरुआत है। उम्मीद है कि आने वाले समय में भारतीय आम की मांग और भी बढ़ेगी और यह दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाएगी।

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